tag:blogger.com,1999:blog-3736221843681467201.post180565204625322058..comments2023-07-30T08:10:37.872-07:00Comments on जोड़ो तिनका तिनका: क्षेत्रवाद पर एक बुद्धिजीवी का सार्वजनिक पत्रsaraswat shrankhlahttp://www.blogger.com/profile/16615955288076554149noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3736221843681467201.post-18983720354491861812011-04-05T10:30:07.086-07:002011-04-05T10:30:07.086-07:00sundar post..sundar post..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3736221843681467201.post-51796399643012875952010-03-07T08:38:29.838-08:002010-03-07T08:38:29.838-08:00यही कारण है कि पत्र का अंत राजदीप ने अद्भुत करिश्म...यही कारण है कि पत्र का अंत राजदीप ने अद्भुत करिश्माई तरीके से मर्म पर प्रहार करते हुए किया है। पत्र का अंत करते हुए वे लिखते हैं -‘‘ पुनश्च: आपके सौम्य बेटे आदित्य जो संेट जेवियर कालेज में अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई कर रहा है ,ने मुझे अपनी कविताओं का एक संकलन भेजा था। मै ंउसकी लेखन शेैली से बहुत प्रभावित हुआ। उम्मीद करे कि टी कंपनी ( टी फार ठाकरे) की अगली पीढ़ी केा अंततः ऐहसास होगा कि शेरगुल ही जिन्दगी नहींे है ,उसकी सार्थकता इससे भी ज्यादा है।<br /><br /><br />बहुत सुन्दरR.Venukumarhttps://www.blogger.com/profile/17501996519970954554noreply@blogger.com